Wednesday, 9 May 2012

mahangayee dayan khaye jaat hai ----a satire in hinglish


 mahangayee daayan khaye jaat hai
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कई वर्षो  से जमा हो गए कुछ पुराने कागज़ात 

साफ़ कर रहे थे हम कल दोपहर 
मिला एक पुराना  बिल और हमपर ढा  गया कहर 
चावल थे १२० रुपये के दस किलो 
और चाय के आगे लिखा था साढ़े बारह रुपये का एक पाव (२५० ग्राम)

याद आ गया सडनली suddenly वो दिन भी 
जब इसी बिल को चुकाते हम रो रहे थे ज़ार ज़ार 
काश के हमें पता होता आज का हाल 
तब ले लिया होता हमने बीस सालो के लिए सारा माल 

फिर भी शुक्र है खुदा का 
रहमत की है हमपे 
डाईबेटिस है ब्लड प्रेशर भी हाई है 
और दिल पर भी पड़  चुके है कई दरार 
बेटी है डॉक्टर सो फीस के भी बच जाते है पैसे 
न शक्कर खरीदना है 
न तेल 
और न ही फल और न प्याज 
बस दो वक़्त की रोटी है नसीब में 
थोड़े से नमक के साथ 
और ये भी है नसीहत की 
जितना हो सके पैदल चलो 
यहाँ भी ईश्वर की ही कृपा है समझे 
वरना पेट्रोल और डीसल का भी चौगुना हो चूका है दाम 
बचपन  में पढ़ा था
 God help's them who help themselves 
 और अब दिख रहा है की  हम जैसे ही है इस कहावत  के जीवंत  examples 
सलाद फल और मिठाई के शौकीनों की हालत पर  खाते है हम तरस 
और सोचते है हस्ते हुए ये राज़ की बात 
हमने ये मज़े कर लिए जब सस्ते का ज़माना था 
लेकिन उस वक्त भी बहुत पॉपुलर एक गाना  था 
जो कुछ इस तरह कहता था की 
एक तो उन्हें खुदा की खुदाई मार गयी 
दुसरे हमेशा की तन्हाई मार गयी 
और बाकी कुछ बचा  तो महंगाई मार गयी 

isiliye इसीलिए
man will never be satisfied
always cribbing and cursing happens to be his birth right
वह तब भी रोता था और अब भी रोता है 

क्या करे बेचारा 
रोते  हुए ही तो पैदा होता है

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